मिशन का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मविश्वासी, जागरूक और आत्मनिर्भर बनाना है। आजीविका मिशन ग्रामीण महिलाओं के जीवन में बड़ा सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन ला रहा है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ग्रामीण गरीब विशेषकर स्वयंसहायता समूह की महिला सदस्यों का आर्थिक और सामाजिक दर्जा सुधारने के लिये उन्हें अपने उत्पाद बेचने के लिये प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के लिये ग्रामीण हाटों को प्रोत्साहित करता है।
मंत्रालय की योजना वित्तवर्ष 2018-19 में पूरे देश में 22,000 ग्रामीण हाट स्थापित करने की है। मिशन 2011 में लांच किया गया था और अब इसका विस्तार 29 राज्यों और पाँच केन्द्र शासित प्रदेशों के 584 जिलों के 4456 ब्लॉकों तक हो गया है। मिशन ने 39.9 लाख स्वयंसहायता समूह को सक्रिय किया है, जो आगे 2.20 लाख ग्राम संगठनों और 19,000 क्लस्टर स्तर के फेडरेशन हो गए हैं।
आज भी औरतें खेतों में काम करती हैं लेकिन अब महिलाओं को जागरूक करने का समय आ गया है। इसीलिये उन्हें भी समय-समय पर उनकी पसन्द के हिसाब से काम सिखाए जाएँगे जैसे जैविक खेती करना, डेरी उद्योग और केंचुआ पालन वगैरह। जब वो कुछ अपना रोजगार करेंगी तो परिवार की आमदनी बढ़ेगी। तब भूखे मरने की नौबत नहीं आएगी। भारत का विकास अगर हमें सच्चे अर्थों में करना है और लगातार लम्बे समय तक करना है तो गाँव की नींव को मजबूत करना होगा तब जाकर विकास की इमारत मजबूत होगी।
दीनदयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन